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धरसींवा कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सीखीं सम्पादन और सम्पादकीय लेखन की कला

धरसींवा। शासकीय पंडित श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने गुस्र्वार को संपादन के आधारभूत तत्वों के बारे में सीखा। इस मौके पर छात्र-छात्राओं को संपादकीय लेखन के संबंध में भी जानकारी दी गई। महाविद्यालय द्वारा ऑनलाइन आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने उत्साह से भाग लिया और विषय विशेषज्ञों से समझ अपनी जिज्ञासाओं को रखा।

धरसींवा के शासकीय पण्डित श्यामाचरण शुक्ल महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा 'हिंदी पत्रकारिता अध्ययन" विषय पर 11 दिवसीय मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया है। 15 नवंबर से शुरू हुए इस कार्यक्रम के चौथे दिन वरिष्ठ पत्रकार, शायर और गीतकार मयंक चतुर्वेदी 'मानस" ने मुख्य वक्ता के रूप में सम्पादन के आधारभूत तत्व एवम सम्पादकीय लेखन विषय पर छात्र-छात्राओं को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खबर के सोर्स, सही शब्दों का चयन, वाक्य विन्यास, तथ्यों की पड़ताल और विषय के संबंध में ज्ञान बेहद जरूरी है। संपादकीय लेखन के लिए किसी विषय में विशेषज्ञता जरूरी है। इसके अलावा हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि हम उन विषयों का चयन करें, जो वर्तमान और भविष्य में प्रासंगिक हों।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने पत्रकारिता से संबंधित सवाल भी किए। मुख्य वक्ता ने छात्र-छात्राओं की जिज्ञासाओं को दूर किया। व्याख्यान कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम को संयोजक डॉ. सीएल साहू ने किया। इस मौके पर छात्र-छात्राओं के अलावा पाठ्यक्रम की सह संयोजक कल्पना पांडेय भी मौजूद रहीं। 

15 नवंबर से आयोजित किया जा रहा कार्यक्रममहाविद्यालय द्वारा 'हिंदी पत्रकारिता अध्ययन" विषय पर 11 दिवसीय मूल्यवर्धित पाठ्यक्रम का शुभारंभ 15 नवंबर को किया गया था। शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति केसरीलाल वर्मा उपस्थित थे। जबकि अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. श्रीमती विनोद वर्मा ने की थी। पहले दिन कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं रेडियो संवाद के विभागाध्यक्ष एवं निदेशक डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने हिंदी पत्रकारिता के उद्भव एवं विकास की जनकारी दी थी। दूसरे दिन मुख्य वक्ता के रूप में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के डॉ. गिरिजाशंकर गौतम ने पत्रकारिता के परंपरागत माध्यमों के साथ इलेक्ट्रानिक व नव इलेक्ट्रानिक माध्यमों के बारे में बताया। तीसरे दिन दैनिक भास्कर के विशेष संवाददाता डॉ. राकेश पांडेय ने समाचार लेखन विषय पर व्याख्यान दिया था।
(TNS)

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