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खतरे मे बचपन, क्योंकि यहां पढाई करने के लिए लिफ्ट ही मात्र सहारा, धमधा ब्लाँक के सेवती से हिर्री स्कूल तक लिफ्ट मांगकर आते हैं ये बच्चे.

भिलाई – शिक्षा कामहत्व क्या है इन बच्चो से भी सीख सकते है। इनके हौसले की पढाई ही है जो ये रोजानास्कूल से घर और घर से स्कूल जाने के लिए दूसरो के रहमो का सहारा है। ये बच्चे हिर्रीमिडिल स्कूल आने के लिेए ये एक घंटे पहले ही सडंक पर खडे हो जाते है बही हाल स्कूलसे घर जाने के समय भी होता है।

स्कूल से 4 बजे छुट्टी होनेके बाद ये बच्चे स्कूल के पास हिर्रीचौक पर खडे होकर गाडियो मे लिफ्ट मांगते है। बहुत से गाडी वाले तेज रफ्तार से निकलजाते है। तो कुछ लिफ्ट दे देते है।

धमधा ब्लाँक के ग्राम सेवतीक मे सिर्फ प्राथमिक शाला ही है। जिसके कारण कक्षा छठवीमे लेकर आगे की पढाई करने के लिए इस गांव  केबच्चो को दूसरो गांव तक रोजाना आना जाना करना पडता है। 

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