पीए. ओझा,
रायपुर.19/12/19 - राज्य में अब गन्ने और धान के बुरादे से बिजली उत्पादन करने वाले ऊर्जा प्लांट को छत्तीसगढ़ स्टेट पावर कंपनी सहकारी समिति को देने की तैयारी पूरी कर ली है, ताकि किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। मार्च-अप्रैल 2020 तक इन्हें पूरी तरह समिति को सौंप दिया जाएगा। इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर 20 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। वहीं क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बता दें कि बिजली कंपनी ने गैरपारंपरिक स्रोत से बिजली उत्पादन करने के लिए कवर्धा में 13 वर्ष पूर्व छह मेगावॉट प्लांट की स्थापना की थी। इसमें गन्ने और धान के बुरादे का सही इस्तेमाल कर बिजली उत्पादन किया जा रहा था। इससे न केवल किसानों को लाभ हो रहा था बल्कि उत्पादित ऊर्जा का उपयोग किसानों के लिए ही किया जा रहा था।
इस दौरान क्षेत्र की सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को गैर पारंपरिक बिजली उत्पादन की इस तकनीक का प्रशिक्षण भी लगातार दिया जाने लगा। इस बीच बिजली कंपनी द्वारा इस प्लांट में लगभग 19 से 25 करोड़ तक लगाई गई राशि वसूल हो गई, जिसके बाद कंपनी ने इसका पूरा मालिकाना हक सहकारी समिति को सौंपने पर मुहर लगा दी। तीन से चार महीने के भीतर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद सीधे तौर पर बागडोर समिति के हाथों में होगी। इस योजना से न सिर्फ सस्ते दर पर बिजली बनाई जाएगी बल्की छेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेंगे।और राज्य का विकास भी निश्चित तौर पर होगा।