करनाल। केंद्रीय कृषि कानून के विरोध में करनाल में चल रही आंदोलन पांचवें दिन समाप्त हो गया है। आज किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच वार्ता सफल रही। दोनों पक्षों ने सामने आकर सहमति जताई। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि बैठक से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं से बातचीत हो चुकी थी। मांग मान ली गई है।
जानकारी के अनुसार जिला सचिवालय के मुख्य गेट के सामने पांच दिन से जारी किसानों का पड़ाव शनिवार को समाप्त हो सकता है। इसकी नींव शुक्रवार को जिला सचिवालय में प्रशासनिक अधिकारियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई तीन दौर की वार्ता में रखी गई। सवा चार घंटे चली वार्ता के दौरान मुख्य तीन मांगों पर चर्चा हुई। इनमें दो पर सहमति बन गई। बता दें कल देर शाम सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) देवेंद्र सिंह के साथ हुई बैठक में दो मांगों पर सहमति बन गई।
बैठक में ये हुई बातचीत
मांग-दिवंगत किसान सुशील के परिवार केा 25 लाख रुपये मुआवजा व स्वजन को सरकारी नौकरी।
जवाब- सरकार मांग पूरी करने पर सहमत।
मांग- लाठीचार्ज में घायल किसानों को दो-दो लाख का मुआवजा दिया जाए।
जवाब-सरकार पूरी करने पर सहमत।
मांग- वायरल वीडियो को लेकर विवादों में घिरे आइएएस आयुष सिन्हा पर कार्रवाई और जांच।
जवाब-इस पर बातचीत चल रही है।
जांच के लिए सेवानिवृत्त जज का नाम सुझा सकते हैं किसान संगठन
वार्ता के दौरान अधिकारियों ने किसान संगठनों के प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जांच के लिए वे अपनी तरफ से हाई कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम सुझा सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि अब प्रशासन व किसानों के बीच मामला सुलझने के कगार पर पहुंच चुका है। वार्ता के बाद किसान नेताओं ने पड़ाव के तंबू में एलान कर दिया कि शनिवार का दिन ऐतिहासिक होगा। (TNS)