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अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट पर अवैध वसूलीः हटाए गए 2 उप निरीक्षक सहित सभी कर्मचारी, कहीं दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ में खपाया तो नहीं जा रहा धान!

बलरामपुर. 

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कृषि उपज मंडी के चेक पोस्ट पर ट्रक ड्राइवरों से अवैध वसूली के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मंडी सचिव मालिक राम पोर्ते ने मंडी उप निरीक्षक शंकर दयाल पैकरा, उप निरीक्षक अनुप साय पैकरा और उनके निजी सहयोगी सलीम लकड़ा समेत धनवार चेक पोस्ट ‘उपज जांच नाका’ में कार्यरत सभी कर्मचारियों को हटा दिया है। इस आदेश की कॉपी छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंधक संचालक को भी भेजी गई है। 


दरअसल, रविवार सुबह ही बलरामपुर जिले के धनवार चेक पोस्ट ‘उपज जांच नाका’ पर अवैध वसूली का मामला सामने आया था। उप निरीक्षक और उसके निजी सहयोगी चावल और धान से भरी गाड़ियों को पार करने के लिए ट्रक ड्राइवरों से वसूली कर रहे थे। खबर सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और अब मामले में कार्रवाई करते हुए मंडी सचिव ने उप निरीक्षक शंकर दयाल पैकरा और उप निरीक्षक अनुप साय पैकरा समेत सभी कर्मचारियों को हटा दिया है। 


वसूली के खेल में सिंडीकेट होने की चर्चा 

दरअसल, छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू हो गई है। प्रदेश में ज्यादा कीमत होने की वजह से दूसरे राज्यों के व्यापारी छत्तीसगढ़ में धान खपाने की फिराक में है। राज्य शासन ने अंतर्राज्यीय चेक पोस्ट पर निगरानी के निर्देश दिए हैं। बलरामपुर जिले के अंतर्राज्यीय धनवार चेक पोस्ट पर अवैध तरीके से दूसरे राज्यों से धान और चावल का परिवहन होने और कृषि उपज मंडी के चेक पोस्ट पर तैनात कर्मचारियों द्वारा पैसे लेकर ट्रकों को सीमा पार कराने का खुलासा हुआ था। वसूली के इस खेल में बड़े सिंडीकेट के काम करने की जमकर चर्चा भी हो रही है।  


चेक पोस्ट पर दैनिक कर्मचारियों की दादागिरी

सूत्रों के अनुसार कृषि उपज जांच चेक पोस्ट पर बाहरी वाहनों से दस्तावेज जांच के नाम पर वसूली का खेल कोई नया नहीं है। मंडी चेक पोस्टों में दैनिक कर्मचारियों को ज्यादा रखा जाता है ताकि विवाद होने की स्थिति में इन्हें हटाया जा सके और जिम्मेदार लोगों पर कोई आंच न आये। पूर्व में भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। धनवार चेक पोस्ट से पहले भी अवैध वसूली और प्राइवेट कर्मचारियों की दादागिरी के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं। कई शिकायतों के बाद कार्रवाई भी नहीं हुई है। ड्राइवरों का आरोप है, अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध खेल लंबे समय से चल रहा है।

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