स्टॉकहोम। अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार इस साल अमेरिका के तीन अर्थशास्त्रियों डेविड कार्ड, जोशुआ डी एंग्रिस्ट और गिडो डब्ल्यू इंबेंस को दिया जा रहा है। पुरस्कार की आधी राशि डेविड कार्ड को दी जा रही है। जबकि शेष आधी संयुक्त रूप से एंग्रिस्ट और इंबेंस को। कार्ड कनाडाई मूल के नागरिक हैं। जबकि इंबेंस डच मूल के। वहीं एंग्रिस्ट अमेरिकी मूल के ही हैं।
इनके नामों की घोषणा करते हुए रॉयल स्वीडिश अकैडमी की ओर से बताया गया कि इन नोबेल विजेताओं ने हमें अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नई दृष्टि दी। खास तौर पर लेबर मार्केट के क्षेत्र में। इन्होंने सिद्ध किया है कि कारण और प्रभावों से जुड़े निष्कर्ष प्राकृतिक प्रयोगों से भी निकाले जा सकते हैं। इनके दृष्टिकोण का असर अन्य क्षेत्रों में भी हुआ और उससे अनुभवजन्य शोध के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आया।
अब तक दो भारतीयों को भी अर्थशास्त्र का नोबेल मिल चुका है। इनमें पहले हैं- अमर्त्य सेन। उन्हें 1998 में पुरस्कार मिला था। जबकि दूसरे अभिजीत बनर्जी, जिन्होंने 2019 में नोबेल जीता था। हालांकि कोलकाता में जन्मे बनर्जी ने अमेरिकी नागरिकता ले ली थी।
TNS