रायपुर: कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा एवं कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा के दिशानिर्देशानुसार एवं प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ नरेन्द्र त्रिपाठी जी के मार्गदर्शन में एम. बी.ए के प्रथम सेमेस्टर के सभी विधार्थियो को इंडस्ट्री विजिट प्रोग्राम के अंतर्गत वी. वाय हॉस्पिटल, रायपुर का भ्रमण कराया गया। जिसमें मुख्य रूप से वी. वाय हास्पिटल के संचालक डॉ पूर्णेन्दु सक्सेना, सी.ई.ओ डॉ. अनिल कनांवट,मेनेजर आपरेशन हेड डॉ. विजय सेन, हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर अनसुमन, हास्पिटल कोडिनेटर सतीश शर्मा, छत्तीसगढ़ टॉक न्यूज़ चैनल के संपादक चंद्रकांत (चंदु) वर्मा, विश्वविद्यालय के हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन फैकलटी डॉ. देवेन्द्र कुमार कश्यप और समस्त विद्यार्थी आदि शामिल हुए। आइए जानते हैं हॉस्पिटल भ्रमण में बच्चों ने क्या-क्या देखा? और क्या-क्या शिखा?
इस सेक्टर में बेहतरीन वेतन के साथ-साथ मुझे लोगों की सेवा करने का मौका भी मिलेगा। अनुभव के साथ- साथ वेतन में भी बढ़ोतरी होती है। -सोहेल खान, एमबीए एचए, स्टूडेंट
स्टूडेंट ने बताया हॉस्पिटल मैनेजमेंट के कार्य
एमबीए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन प्रथम सेमेस्टर के स्टूडेंट पूर्वी दादर ने बताया कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट के तहत हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट आता है, जो अस्पताल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखता है। ताकि वहां मौजूद संसाधनों का समुचित और बेहतर इस्तेमाल हो व इलाज के लिए आने वालों को सेवा प्रदान करने का कुशल तंत्र विकसित हो सके। इनमें अंतर्गत अस्पताल से डॉक्टरों को जोड़ना, नए-नए उपकरणों और तकनीक की व्यवस्था करना भी शामिल है। यहां तक कि हॉस्पिटल में कोई हादसा होता है तो उसकी जवाबदेही का जिम्मा भी इन्हीं प्रोफेशनल्स का होता है। अस्पताल की वित्तीय व्यवस्था, कर्मचारियों की सुविधा आदि कार्य भी उन्हें करने होते हैं।
इंडस्ट्री विजिट के दौरान छात्रों ने विभिन्न विभागों के कार्यो को देखा और उससे जुड़ी जानकारी प्राप्त की, एक तरफ जहां हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के छात्रों को ओपीडी, जनरल वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, सेंट्रल फार्मेसी के बारे में बताया गया। वहीं दूसरी तरफ ह्यूमन रिसोर्स डेवेलोपमेंट के बारे में भी जानकारी प्रदान कर एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग और डेवलपमेंट, फाइनेंस और मार्केटिंग की जानकारी दी गयी।
कोरोना के दौरान जिस तरह देश में स्वास्थ्य ढांचा बिखर गया, उससे साफ पता चलता है कि इस क्षेत्र में अभी भी कई कमियां हैं, साथ ही रोजगार के अवसर भी। आज के समय में हॉस्पिटल मैनेजमेंट सेक्टर तेजी से विकास कर रहा है। मुझे खुशी हैं कि मैं आगे चलकर अच्छा कार्य करूंगी। -विजया समद्दार, एमबीए एचए, स्टूडेंट
क्या कहते हैं हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के फैकलटी?
हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन फैकलटी डॉ. देवेन्द्र कुमार कश्यप ने बताया कि हॉस्पिटल में अगर आप एक कुशल प्रबंधक के तौर पर कार्य करना चाहते हैं तो आपके पास वित्त और सूचना प्रणाली का अच्छा ज्ञान, बेहतरीन नेतृत्व कौशल, अच्छा संचार और आयोजन कौशल, मिलनसार व्यक्तित्व, समय सीमा को संभालने की क्षमता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, धीरज, उत्कृष्ट मौखिक और लिखित संचार कौशल आदि होना अति आवश्यक है।
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का मानना था कि शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण चरित्र है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि उनके जीवन के हर पहलू में ईमानदारी होनी चाहिए। -प्रतीक्षा शर्मा, एमबीए एचए, स्टूडेंट
प्रबंधन विभाग के डॉ. यशपाल बावरिया ने कहा कि उद्योग-केंद्रित पाठ्यक्रम स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों के प्रबंधन के साथ प्रबंधन दक्षताओं को एकीकृत करता है, जिससे छात्रों को सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों, सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं, कॉर्पोरेट और सरकारी अस्पतालों और परामर्श परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की अनुमति मिलती है। छात्रों को स्वास्थ्य सेवा नीति, स्वास्थ्य अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य देखभाल वित्त, स्वास्थ्य सेवा संचालन प्रबंधन और अन्य प्रासंगिक पाठ्यक्रमों जैसे विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला से अवगत कराया जाएगा। - डॉ. यशपाल बावरिया, होमियोपैथी चिकित्सक
वहीं दूसरी तरफ छात्रों को ह्यूमन रिसोर्स डेवेलोपमेंट, एडमिनिस्ट्रेशन, ट्रेनिंग और डेवलपमेंट, फाइनेंस और मार्के