भिलाईनगर.16/12/19. पंचांग ‘रामनारायण’ के अनुसार, आज 16 दिसंबर सोमवार के दिन से धनु संक्रांति लग रही है इसके साथ खरमास भी शुरू हो रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास को मांगलिक कार्यों के लिए उचित नहीं माना गया है. माना जाता है जब तक खरमास रहता तब तक कोई भी शुभ काम जैसे शादी ब्याह, गृह प्रवेश जैसे काम नहीं करने चाहिए. ऐसा करने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है. खरमास को अधिकमास या पुरुषोत्तममास की भी संज्ञा दी गई है. धर्मशास्त्रों में लिखा है कि जिस महीने में सूर्य की संक्रांति नहीं होती है उस महीने को खरमास कहा जाता है. इसी वजह से यह माह अशुभ प्रभाव वाला माना जाता है.
जाने जरूरी बातें -
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मलमास/ खरमास के महीने में शादी, सगाई, गृह-प्रवेश की पूजा करवाना मंगल फलदायक नहीं होता है. मान्यता है कि अगर खरमास में इनमें से कोई भी काम किया गया तो परिवार के सदस्यों में कलह, अलगाव या रिश्तों में बहुत खटास आ सकती हैं.
यह भी मान्यता है कि मलमास/खरमास के महीने में बहुत शुभ मानी जाने वाली चीजें जैसे घर, मकान, गहने और नए वाहन की खरीदी नहीं करनी चाहिए. अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके ऊपर ग्रहों का बुरा प्रभाव पड़ सकता है
खरमास की समाप्ति-
ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है उस दिन मकर संक्रांति होती है. इसी शुभ दिन खरमास का समापन होता है. इसके बाद ही मांगलिक कार्य करने चाहिए. माना जाता है कि जिस दिन खरमास खत्म होता है यानी कि मकर संक्रांति के दिन जातक पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं तो उन्हें पुण्यफल की प्राप्ति होगी.