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विधानसभा अध्यक्ष ने दी हिदायत, एक सवाल पर खर्च होते हैं 10 लाख, सदन में सोचकर बोलें

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र इन दिनों चल रहा है। सत्र के आठवें दिन तक सदन में कई विधायकों ने अलग-अलग तरह के सवाल उठाए। जनहित में उठाए गए कुछ प्रभावशाली सवालों ने सदन में चर्चा भी बटोरी, तो कुछ बेतुके सवालों ने उलझन पैदा की। कुछ अजीब सवालों की वजह से सदन में ठहाके भी लगे। इन्हीं सब के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सदन में एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि हर एक प्रश्न के पीछे 10 लाख रुपये खर्च होते हैं। इसके साथ ही उन्होंने सदस्य विधायकों को इस बात की हिदायत दी कि वे सदन में अपने सवाल सही तरीके से करें। उलझाने वाले, बेतुके और व्यर्थ सवालों से बचें। सदन में सीएम भूपेश बघेल के बजट पेश किए जाने के बाद अब इस पर अब चर्चा चल रही है।

    सदन की कार्यवाही के दौरान विधायकों के सवाल पूछने को लेकर अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत ने सही सवाल पूछने पर विधायकों को निर्देश दिया। अध्यक्ष ने एक सवाल के पीछे 10 लाख रुपये खर्च होना बताया है। अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा सचिवालय से भी लंबे सवालों से जवाब छोटे आएं, इसकी भी व्यवस्था होनी चाहिए।इस बीच नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक ने सदन में आसंदी के निर्देश का विरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर हम छोट सवाल करेंगे तो संबंधित क्षेत्र की समस्या कैसे दूर होगी। नेता प्रतिपक्ष का ये जवाब सुनकर सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इस बीच दोनों में नोकझोंक भी हुई।

शिवरतन शर्मा ने धान सदन में धान खरीदी के मुद्दे को एक बार फिर से उठाया। उन्होंने धान न बेच पाने की वजह से किसानों को हो रही दिक्कतों का हवाला देते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की। विपक्ष के अन्य विधायक भी इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद शिवरतन के समर्थन में हंगामा करने लगे।


  

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